कश्ती चलाना सिखो समंदर की ऊफान में
जमीन मे ही नहीं उड़ान भरो आसमान मे
मुश्बितो से हारकर कभी बुझना नहीं
बल्कि ऐसा चिराग बनों
जो जलता रहे तुफान मेंं
जमीन मे ही नहीं उड़ान भरो आसमान मे
मुश्बितो से हारकर कभी बुझना नहीं
बल्कि ऐसा चिराग बनों
जो जलता रहे तुफान मेंं
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