SSC की परीक्षा में जीव विज्ञान का बहुत महत्व है सामान्य अध्ययन का एक बडा भाग विज्ञान से आता है, तथा उसमें 50% से भी अधिक जीव विज्ञान से पूछा जाता है, इसी को ध्यान में रखकर हमने तथ्यों का संकलन किया है आशा है आपके लिये उपयोगी सिद्ध होगा
भेड की चोकला नस्ल से राजस्थान में सर्वोत्तम ऊन मिलती है।
गाय बैलों की वे नस्लें जिनकी गाय अच्छी मात्रा में दूध देती है। परन्तु बैल कम शक्तिशाली होते है। मिल्क ब्रीड कहलाती है।
यदि पौधे को अंधेरे में उगाया जाय तो वह लम्बा हेा जाता है क्योकि उसमें आक्सीजन की मात्रा बढ जाती है।
बी0एम0आर0 का अभिप्राय बेसिक मेटा बोलिक रेट है।
बोटुलिज्म एक प्रकार का भोजन दूषण है जो क्लोस्ट्रीडियम जीवाणु द्वारा होता है।
व्यापारिक कार्क फ्लोएम से प्राप्त होती है।
नारियल अधिकांशतया समुद्र के किनारें के प्रदेशो में व्यापक रूप से पाया जाता है। क्योकि इसके फल जल पर तैरते है।
नारियल का फल ड्रूप होता है।
अद्र्वसूत्री विभाजन में दो विभाजन होते है, एक न्यूनकारी विभाजन तथा एक सूत्री विभाजन ।
माता पिता के गुण सन्तान में गुणसूत्र द्वारा स्थानानतरित होते है।
जीन डी0एन0ए0 के बने होते है।
जब गुणसूत्रों के बिना विभाजन के कोशिका में विभाजन होता है तो उसे असूत्री विभाजन कहते है।ं
बैक्टीरिया में माइटोकोणिड्रया एवं केन्द्रक नही होते ।
समतापी प्राणियों में ताप का नियमन करने वाला मस्तिष्क केन्द्र हाइपोथैलेमस है।
आज्ञा का पालन करना प्रतिवर्ती क्रिया का उदाहरण नही है।
मनुष्य में मेरू तन्त्रिकाओं की संख्या 31 युग्म है।
हमारी जीभ पर स्वाद कलिकाएें , जो खटटे का ज्ञान कराती है जीभ के पाश्र्व भाग पर पायी जाती है।
मस्तिष्क के सबसे बाहर का स्तर डयूरामेटर होता है।
मस्तिष्क का जो भाग बुध्दि का भाग कहलाता है, उसे वैज्ञानिक भाशा में सेरीब्रल हेमीसिफयर कहते है।
औधोगिक प्रक्रमों में जीवधारियों अथ्वा उसने प्राप्त पदार्थो का उपयोग जैव प्रोधोगिकी की श्रेणी में आता है।
हमारे देश में क्लोरेमफेनिकोल प्रतिजैविक का उत्पादन नही होता है , पेनिसिलिन , एमिपसिलिन एवं टेट्रासाइक्लीन का प्रयोग होता है।
आनुवांशिकी के अनुसार आर0एच- पुरूष और आर0एच0 + स्त्री विवाह सम्भव है।
उत्परिवर्तन का सिध्दांत डी व्रीज ने दिया था ।
विकास सिध्दांत के अनुसार मनुश्य व कपि एक ही पूर्वज से विकसित हुआ।
जीवन का रासायनिक सिध्दांत ओपेरिन का सिद्वान्त है।
वनस्पतिशास्त्रीयों के अनुसार स्थल पर सर्वप्रथम आने वाले पौधे मांस तथा उनके सम्बन्धी पौधे के समान थे ।
मनुष्य में अवषेशी अंग कर्णपल्लव पेशिया है।
जीवाश्म जैव विकास की विभिन्न अवस्थाओं का रहस्योदघाटन करते है।
वनस्पति विज्ञान के जनक थि्रयोफ्रेस्टस थे।
जीव विज्ञान का जनक अरस्तु थे ।
मानव शरीर की संरचना का पता लगाने वाला पहला वैज्ञानिक एंडि्रयास विसैलियम था।
वृक्क प्रत्यारोपण में भार्इ या अत्यधिक निकट सम्बन्धी का वृक्क ही लिया जाता है, क्योकि दोनों के वृक्को का अनुवांशिक संगठन एक जैसा होता है।
मानव एक मिनट में 16 से 18 बार सांस लेता हैैं
स्तनी प्राणियों में डायाफ्राम का सबसे महत्वपूर्ण कार्य श्वास विधि में सहायता करना हैं
जब कोर्इ व्यकित सांस लेता है तो आक्सीजन रूधिर में हीमोग्लोबिन से संयोग करती है।
श्वसन गुणांक आर0क्यू0 का तात्पर्य उत्पादित कार्बन डाइ-आक्साइड तथा प्रयोग में आर्इ आक्सीजन का अनुपात है।
डी0एन0ए0 कुण्डल रचना वाटसन एवे कि्र्क ने बतायी थी।
आर0एन0ए0 में डी0एन0ए0 यूरेसिल तत्व के कारण भिन्नता होती है
जैव प्रौधोगिकी विभाग विज्ञान एवं प्रौधोगिकी मन्त्रालय के अधीन है।
कृत्रिम निषेचन के लिए सांड के वीर्य को द्रव नाइट्रोजन में संचित करते है।
भ्रूण की जानकारी के लिए सोनोग्राफी विधि सर्वश्रेष्ठ है।
एन0एम0आर0 चुम्बकीय अनुनाद पर आधारित हैं।
जीवन की उत्पत्ति जल में हुर्इ।
मेथेन, हाइड्रोजन, जल तथा अमोनिया ने अमीनो अम्ल का निर्माण किया था, यह स्टैन्ले मिलर ने सिध्द किया ।
रचना व कार्य दोनों में समान समरूप अंग होते है।
लिंगी गुणसूत्र केा छोडकर अन्य गुणसूत्र आटोसोम के नाम से जाने जाते है।
फास्फोरस डालने से पौधो के विकास मे सहायता मिलती हैै।
पर्ण हरित का पौधे में सूर्य के प्रकाश को अवषोशित करके शर्करा का भण्डार करने में प्रयोग किया जाता है।
लाइगेज नाम एन्जाइम का उपयोग डी0एन0ए0 के टुकडों को जोडने के लिए किया जाता है।
डी0एन0ए0 में शर्करा डीआक्सीराइबोज में होती है।
ऊतक संवद्र्वन के दो पाइलट संयन्त्रों की सािपना नर्इ दिल्ली व पुणे में की गर्इ।
वष्पोत्सर्जन में पत्तियों से पानी वाष्प के रूप में निकलता है।
पेशी में संकुचन कारण मायोसिन व एकिटन है।
काष्ठ का सामान्य नाम द्वितीयक जाइलम है
हदय की धडकन को नियन्त्रित करने के लिए पेसमेकर इस्तेमाल किया जाता है।
सिनैपिस
भेड की चोकला नस्ल से राजस्थान में सर्वोत्तम ऊन मिलती है।
गाय बैलों की वे नस्लें जिनकी गाय अच्छी मात्रा में दूध देती है। परन्तु बैल कम शक्तिशाली होते है। मिल्क ब्रीड कहलाती है।
यदि पौधे को अंधेरे में उगाया जाय तो वह लम्बा हेा जाता है क्योकि उसमें आक्सीजन की मात्रा बढ जाती है।
बी0एम0आर0 का अभिप्राय बेसिक मेटा बोलिक रेट है।
बोटुलिज्म एक प्रकार का भोजन दूषण है जो क्लोस्ट्रीडियम जीवाणु द्वारा होता है।
व्यापारिक कार्क फ्लोएम से प्राप्त होती है।
नारियल अधिकांशतया समुद्र के किनारें के प्रदेशो में व्यापक रूप से पाया जाता है। क्योकि इसके फल जल पर तैरते है।
नारियल का फल ड्रूप होता है।
अद्र्वसूत्री विभाजन में दो विभाजन होते है, एक न्यूनकारी विभाजन तथा एक सूत्री विभाजन ।
माता पिता के गुण सन्तान में गुणसूत्र द्वारा स्थानानतरित होते है।
जीन डी0एन0ए0 के बने होते है।
जब गुणसूत्रों के बिना विभाजन के कोशिका में विभाजन होता है तो उसे असूत्री विभाजन कहते है।ं
बैक्टीरिया में माइटोकोणिड्रया एवं केन्द्रक नही होते ।
समतापी प्राणियों में ताप का नियमन करने वाला मस्तिष्क केन्द्र हाइपोथैलेमस है।
आज्ञा का पालन करना प्रतिवर्ती क्रिया का उदाहरण नही है।
मनुष्य में मेरू तन्त्रिकाओं की संख्या 31 युग्म है।
हमारी जीभ पर स्वाद कलिकाएें , जो खटटे का ज्ञान कराती है जीभ के पाश्र्व भाग पर पायी जाती है।
मस्तिष्क के सबसे बाहर का स्तर डयूरामेटर होता है।
मस्तिष्क का जो भाग बुध्दि का भाग कहलाता है, उसे वैज्ञानिक भाशा में सेरीब्रल हेमीसिफयर कहते है।
औधोगिक प्रक्रमों में जीवधारियों अथ्वा उसने प्राप्त पदार्थो का उपयोग जैव प्रोधोगिकी की श्रेणी में आता है।
हमारे देश में क्लोरेमफेनिकोल प्रतिजैविक का उत्पादन नही होता है , पेनिसिलिन , एमिपसिलिन एवं टेट्रासाइक्लीन का प्रयोग होता है।
आनुवांशिकी के अनुसार आर0एच- पुरूष और आर0एच0 + स्त्री विवाह सम्भव है।
उत्परिवर्तन का सिध्दांत डी व्रीज ने दिया था ।
विकास सिध्दांत के अनुसार मनुश्य व कपि एक ही पूर्वज से विकसित हुआ।
जीवन का रासायनिक सिध्दांत ओपेरिन का सिद्वान्त है।
वनस्पतिशास्त्रीयों के अनुसार स्थल पर सर्वप्रथम आने वाले पौधे मांस तथा उनके सम्बन्धी पौधे के समान थे ।
मनुष्य में अवषेशी अंग कर्णपल्लव पेशिया है।
जीवाश्म जैव विकास की विभिन्न अवस्थाओं का रहस्योदघाटन करते है।
वनस्पति विज्ञान के जनक थि्रयोफ्रेस्टस थे।
जीव विज्ञान का जनक अरस्तु थे ।
मानव शरीर की संरचना का पता लगाने वाला पहला वैज्ञानिक एंडि्रयास विसैलियम था।
वृक्क प्रत्यारोपण में भार्इ या अत्यधिक निकट सम्बन्धी का वृक्क ही लिया जाता है, क्योकि दोनों के वृक्को का अनुवांशिक संगठन एक जैसा होता है।
मानव एक मिनट में 16 से 18 बार सांस लेता हैैं
स्तनी प्राणियों में डायाफ्राम का सबसे महत्वपूर्ण कार्य श्वास विधि में सहायता करना हैं
जब कोर्इ व्यकित सांस लेता है तो आक्सीजन रूधिर में हीमोग्लोबिन से संयोग करती है।
श्वसन गुणांक आर0क्यू0 का तात्पर्य उत्पादित कार्बन डाइ-आक्साइड तथा प्रयोग में आर्इ आक्सीजन का अनुपात है।
डी0एन0ए0 कुण्डल रचना वाटसन एवे कि्र्क ने बतायी थी।
आर0एन0ए0 में डी0एन0ए0 यूरेसिल तत्व के कारण भिन्नता होती है
जैव प्रौधोगिकी विभाग विज्ञान एवं प्रौधोगिकी मन्त्रालय के अधीन है।
कृत्रिम निषेचन के लिए सांड के वीर्य को द्रव नाइट्रोजन में संचित करते है।
भ्रूण की जानकारी के लिए सोनोग्राफी विधि सर्वश्रेष्ठ है।
एन0एम0आर0 चुम्बकीय अनुनाद पर आधारित हैं।
जीवन की उत्पत्ति जल में हुर्इ।
मेथेन, हाइड्रोजन, जल तथा अमोनिया ने अमीनो अम्ल का निर्माण किया था, यह स्टैन्ले मिलर ने सिध्द किया ।
रचना व कार्य दोनों में समान समरूप अंग होते है।
लिंगी गुणसूत्र केा छोडकर अन्य गुणसूत्र आटोसोम के नाम से जाने जाते है।
फास्फोरस डालने से पौधो के विकास मे सहायता मिलती हैै।
पर्ण हरित का पौधे में सूर्य के प्रकाश को अवषोशित करके शर्करा का भण्डार करने में प्रयोग किया जाता है।
लाइगेज नाम एन्जाइम का उपयोग डी0एन0ए0 के टुकडों को जोडने के लिए किया जाता है।
डी0एन0ए0 में शर्करा डीआक्सीराइबोज में होती है।
ऊतक संवद्र्वन के दो पाइलट संयन्त्रों की सािपना नर्इ दिल्ली व पुणे में की गर्इ।
वष्पोत्सर्जन में पत्तियों से पानी वाष्प के रूप में निकलता है।
पेशी में संकुचन कारण मायोसिन व एकिटन है।
काष्ठ का सामान्य नाम द्वितीयक जाइलम है
हदय की धडकन को नियन्त्रित करने के लिए पेसमेकर इस्तेमाल किया जाता है।
सिनैपिस
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