मांझी द माउन्टेन के डायलाग

कहते है फिल्मे जिंदगी का सार होती है।  छोटे छोटे किस्से कहानियो पर बनी फिल्में हमारे जिंदगी जीने के तरीके को बदल देती है फ़िल्म जितनी काल्पनिक होती है उतनी ही वास्तविकता के करीब भी होती है जिससे हर इंसान खुद  को फिल्मो में तलाशने लगता है। मशहूर शायर और गीतकार “जावेद अख्तर” का कहना है, फिल्में समाज का आईना होती है। फिल्में ही है जो जीना सिखाती है, हँसना सिखाती है, बोलना सिखाती है ये फिल्में ही है जो भाषा बनाती है या यूँ कहे फिल्में ही नए नए शब्द गढ़ती है।  इन्हें शब्दों के खेल से डाइलॉग(dialogues) बनती है जिसका हम आम जिंदगी में प्रयोग करते है और उनसे एक सकारत्मक सोच पैदा होती है. कुछ dialogues है जो हमे मोटिवेट करते है जिंदगी जीने के लिए अपने लक्ष्य को पाने के लिए motivate करते है।

आज हम आपके साथ भारत की सबसे बड़ी motivational मूवी के dialogues शेयर करने जा रहे है जिसे आप अपनी ज़िंदगी से जोड़ सकते है। ये फिल्म है ‘मांझी- द माउंटेन मैन’। यह फिल्म है बिहार के दशरथ मांझी की, जिन्होने अकेले दम पर  22 सालों की कड़ी मेहनत से सिर्फ़ हथोड़े और छैनी की मदद से एक बड़ा पहाड़ काटकर रास्ता बना लिया और लगभग 70 किलोमीटर(km) की लंबी दूरी को सिर्फ एक किलोमीटर में समेट दिया। ये dialogues छात्रो विशेषकर UPSC (सिविल सेवा) के छात्रो के लिए मददगार और life changing साबित हो सकते है।



1) जब तक तोड़ेंगे नहीं, तब तक छोड़ेंगे नहीं, बहुतै बड़ा दंगल चलेगा रे तोहर हमार – यह डायलॉग उन सभी लोगो पर लागू होता है जिन्होने अपने लिए बड़े बड़े लक्ष्य तय कर रखे है। चाहे वो कोई भी क्षेत्र हो। वह छात्र जो सिविल सेवा, SSC, MBBS  और IIT जैसी परीक्षाओ के तैयारी कर रहे है जिसमे सफल होने मे बहुत समय लग जाता हैं. ऐसे छात्रो के लिए यह  dialogue हमेशा हौसले और हिम्मत बढ़ाने का काम करता रहेगा।



2) पहाड़ तोड़े से भी मुश्किल है का – अकेले दम पर एक बड़ा पत्थर तोड़ना भी काफी मुश्किल लगता है पहाड़ तोड़ना तो बहुत दूर की बात। अब आप खुद तय करे की क्या आपके goals पहाड़ तोड़ने से ज्यादा मुश्किल है या नहीं. इसलिए जब भी तैयारी करते वक्त लगे की यह तो बहुत मुश्किल है तो उन लोगो को ध्यान मे रखे जो दिन रात मजदूरी करके भी गरीबी मे अपनी ज़िंदगी जीते है।



3) बहुत अकड़ है तोहरा में, देख कैसे उखाड़ते हैं अकड़ तेरी – यह डायलॉग उन सभी लोगो का पसंदीता होना चाहिए जो किसी भी प्रतियोगी परीक्षा(competitive exam) की तैयारी कर रहे है। काफी लगन और मेहनत के बाद भी जब आप उस उपलब्धि के करीब नहीं पहुंच पा रहे होंगे, तब आप वहां इस dialogue को use कर सकते. ये आपको motivate करेगा।



4) भगवान के भरोसे मत बैठिए, का पता भगवान हमरे भरोसे बैठा हो – इसे आप एक सलाह या सुझाव के तौर पर ले सकते हैं. ज्यादातर students अपनी विफलता के लिए भगवान को या अपनी किस्मत को कोसने लगते हैं तो कुछ एक दो बार विफल होने पर इसे अपनी किस्मत या भगवान की इच्छा मान कर बैठ जाते है और पहले की तरह मेहनत करना छोड़ देते है।



5) लोग कहता है हम पागल हैं जिंदगी खराब कर रहा है: अगर आप किसी बड़े exam जैसे की सिविल सेवा, SSC, IIT, MBBS की तैयारी कर रहे है  तो ऐसे मौके आ सकते है जब लोग आपको मूर्ख या पागल  कहेंगे  और तैयारी छोड़ देने की सलाह देंगे या  किसी दूसरी नौकरी को करने का सुझाव देंगे. ऐसे में वही करे जो आपका मन कहता है. दूसरों के pressure को अपने ऊपर हावी न होने दे। आज जीतने भी महान scientists निकले है उन्हे भी पहले लोग पागल ही कहा करते थे। अपनी जिंदगी बर्बाद  करना या अच्छा बनाना सिर्फ हमारे हाथों में होता  है.

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