सक्सेज टिप्स
जीवन में केवल अच्छी शैक्षिक योग्यता या अच्छा कैरियर(Career) ही काफी नहीं है । आपका लक्ष्य होना चाहिए कि एक संतुलित और सफल जिंदगी जिया जाये । संतुलित जीवन का मतलब है आपका स्वास्थ्य (Health), लोगों से अच्छे सम्बन्ध और मन की शान्ति; सब कुछ अच्छा होना चाहिए ।
केवल पैसा और शौहरत कमाना ही काफी नहीं है , सोचिये जब आपका किसी से ब्रेकअप हो तो उस दिन कंपनी में प्रमोशन कोई मायने नहीं रखता ।
जब आपकी पीठ में दर्द हो तो कार ड्राइविंग करने में कोई आनंद नहीं आता, जब आपका दिमाग में टेंशन हो तो शॉपिंग करने में भी कोई मजा नहीं आता।
ये जीवन आपका है इसे इतना भी गंभीर मत बनाइये, हम सब इस दुनियाँ में कुछ पलों के मेहमान हैं तो जीवन का आंनद लीजिये उसे ज्यादा गंभीरता से नहीं लेना चाहिए।
हम लोग इस दुनियां में केवल एक मोबाइल के रिचार्ज की तरह है जो अपनी validity के बाद समाप्त हो जायेगा, हमारी भी validity है। और हम भाग्यशाली रहे तो कम से कम 50 साल तो जिएंगे ही, इन 50 सालों में केवल 2500 weekends होते हैं।
क्या तब भी हमें केवल काम ही काम करने की जरुरत है। जीवन को इतना भी कठिन मत बनाइये कि खुशियाँ आपसे दूर रहें।
सब कुछ ठीक है , कभी कभी काम से छुट्टी लेना , क्लास bunk करना, किसी एग्जाम में कम मार्क्स लाना या छोटे भाई बहनों से कभी झगड़ना , सब ठीक है चलता है।
जब हम जिंदगी के आखिरी पड़ाव पे होंगे तो यही छोटी छोटी बातें हमें हँसाएंगी और कंपनी के प्रमोशन, 24 घंटे लगातार काम ये सब उस दिन कोई मायने नहीं रखेंगे। हम लोग इंसान हैं कोई कम्प्यूटर नहीं, जीवन का मजा लीजिये इसे हमेशा गंभीर नहीं बनाइये ।
केवल पैसा और शौहरत कमाना ही काफी नहीं है , सोचिये जब आपका किसी से ब्रेकअप हो तो उस दिन कंपनी में प्रमोशन कोई मायने नहीं रखता ।
जब आपकी पीठ में दर्द हो तो कार ड्राइविंग करने में कोई आनंद नहीं आता, जब आपका दिमाग में टेंशन हो तो शॉपिंग करने में भी कोई मजा नहीं आता।
ये जीवन आपका है इसे इतना भी गंभीर मत बनाइये, हम सब इस दुनियाँ में कुछ पलों के मेहमान हैं तो जीवन का आंनद लीजिये उसे ज्यादा गंभीरता से नहीं लेना चाहिए।
हम लोग इस दुनियां में केवल एक मोबाइल के रिचार्ज की तरह है जो अपनी validity के बाद समाप्त हो जायेगा, हमारी भी validity है। और हम भाग्यशाली रहे तो कम से कम 50 साल तो जिएंगे ही, इन 50 सालों में केवल 2500 weekends होते हैं।
क्या तब भी हमें केवल काम ही काम करने की जरुरत है। जीवन को इतना भी कठिन मत बनाइये कि खुशियाँ आपसे दूर रहें।
सब कुछ ठीक है , कभी कभी काम से छुट्टी लेना , क्लास bunk करना, किसी एग्जाम में कम मार्क्स लाना या छोटे भाई बहनों से कभी झगड़ना , सब ठीक है चलता है।
जब हम जिंदगी के आखिरी पड़ाव पे होंगे तो यही छोटी छोटी बातें हमें हँसाएंगी और कंपनी के प्रमोशन, 24 घंटे लगातार काम ये सब उस दिन कोई मायने नहीं रखेंगे। हम लोग इंसान हैं कोई कम्प्यूटर नहीं, जीवन का मजा लीजिये इसे हमेशा गंभीर नहीं बनाइये ।
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